मिथिलेश आदित्य
आज नहीं हुआ तो कल होगा,
जीवन में बेहतर पल होगा ।
हर किसी के हिस्से आकाश है,
मिलेगा उसे जिसे बल होगा ।
गिरेगा तो उठेगा कभी नहीं,
लेकर चलता जो छल होगा ।
खुद को अब वही सींच पाएगा,
जो मुट्ठी में रखता जल होगा ।
ढ़क लो आदित्य को जैसे भी,
गर तुमसे आफतों का हल होगा ।
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